अब दूर नहीं छत्तीसगढ़ में सेब का उत्पादन
डा. पी. सी. चौरसिया सहा यक प्राध्यापक (उद्यानिकी) इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र , महासमुंद (छ.ग.) प्रस्तावना:- सेब शीतोष्ण जलवायु का एक मुख्य फल है। सेव की उत्पत्ति यूरोप महाद्वीप अथवा दक्षिणी पश्चिम एशिया से हुई है। ठण्डी जलवायु वाले फलों को बहुत ही न्यून से कुछ मध्यम दर्जे तक गर्मी की आवश्यकता होती है लेकिन ये कड़ाके की सर्दी सहन कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में ये पौधे अपनी पत्तियाँ गिराकर आराम की दशा में चले जाते हैं , जिसको ’ सुषुप्तावस्था ’ का समय कहते हैं। अधिक न्यून तापक्रम काफी समय तक रहना चाहिए , जिससे बसन्त ऋतु में इनकी वृद्धि सामान्य रूप से हो सके। ऐसे क्षेत्र जहाँ पर सर्दी कम पड़ती है पौधे बसन्त ऋतु में इनकी वृद्धि करना प्रारम्भ करते हैं , जिससे उनमें फूल-फलत ठीक प्रकार से नहीं हो पाती है। ठण्डी जलवायु में उगाये जाने वाले फलों को पहाड़ी फल भी कहते है। इनकी व्यावसायिक खेती जम्मू , कश्मीर , पंजाब , हिमाचल प्रदेश , असम तथा उत्तरांचल में की जाती है। दक्षिणी भारत ...